दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की एक तस्वीर को लेकर लोग सोशल मीडिया पर खूब चर्चा कर रहे हैं। यह तस्वीर 1890 के दशक की है। तस्वीर में लाल किले का दिल्ली गेट दिख रहा है। यहां से बैलगाड़ी गुजर रही है। इस तस्वीर को लाला हरदयाल ने खींचा था।
लाल बलुआ पत्थर से हुआ था निर्माण
लाल किले का दिल्ली दिल्ली गेट इस विशाल किले के दो मुख्य प्रवेश द्वारों में से एक है। लाल किले को 1640 के दशक में मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी नई राजधानी शाहजहांनाबाद के मुख्यालय के रूप में बनवाया था। महल के अपार्टमेंट लाल बलुआ पत्थर से बनी एक किलेबंदी की दीवार के भीतर समाहित हैं। इसके तीन तरफ से खाई से और चौथी तरफ यमुना नदी से घिरा हुआ है। यह किले के बाहर से गेट का एक सामान्य दृश्य है। इसमें दीवारों के शीर्ष पर स्थित गढ़ों, कंगूरों, छतरियों और बुर्ज को दिखाया गया है।
पृथ्वी राज चौहान के दादा ने बनवाया था?
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर लोग कई बाते शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि पृथवीराज चौहान के दादाजी अनंगपाल ने ये किला बनवाया था। इसका सबूत इंग्लैंड के संग्रहालय में पड़ा है। वहीं एक अन्य यूजर हिया ने लिखा कि लालकिले की ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी। इस तस्वीर में करीब-करीब सत्रहवीं सदी की दिल्ली की झलक मिलती है। एक यूजर अंबरीश ने लिखा कि बादशाह शाहजहां को यह लाल किला रास नहीं आया।1640 मे बनाना चालू हुआ 1650 में पूरा हुआ।1657 जनवरी में शाहजहां बीमार हुआ। लम्बे समय तक ठीक नहीं हुआ तो हकीमों ने हवा पानी बदलने की सलाह दी। मजबूर हो जनवरी 1658 में आगरा आया। इसके बाद बेटों के उत्तराधिकार युद्ध में जून 1658 में औरंगजेब ने गद्दी से उतार दिया।